मनोहर सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए एक और बड़ा कदम उठा रही है. इसके तहत प्रदेश सरकार हर खेत की मिट्टी जांच करने के लिए ‘हर खेत- स्वस्थ खेत’ नाम से एक अभियान छेड़ रहीं हैं. इस अभियान के तहत प्रशिक्षित किसान सहायक द्वारा हर खेत की मिट्टी का सैंपल लेकर जांच के लिए भूमि प्रशिक्षण प्रयोगशाला भेजा जाएगा ताकि प्रत्येक किला नंबर का स्वास्थ्य कार्ड बनाकर फसल वाइज पोषक तत्वों की मात्रा के प्रयोग का वर्णन दिया जा सकें.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ करमचंद ने भूमि परीक्षण अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह के साथ इस अभियान की धरातल पर समीक्षा करने हेतु कैथल जिले के गांव प्यौदा व हरसोला का औचक निरीक्षण किया
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. इस अभियान के तहत किसान सहायकों को मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करने व जांच हेतु लैब में भेजने का काम दिया गया है. हर कार्य को वैज्ञानिक ढंग से अमलीजामा पहनाने हेतु ‘हर खेत- स्वस्थ खेत’ ऐप शुरू की गई है जिसकी ट्रेनिंग सभी किसान सहायकों को दी गई है.
इस एप्लिकेशन के जरिए हर एक खेत की मिट्टी का सैंपल लिया जा रहा है. जैसे ही खेत में खड़े होकर यह ऐप शुरू की जाएगी ,उस किला नंबर का पूरा ब्यौरा खसरा नंबर,किला नंबर सहित ऐप दर्शाती है और वहीं किला नंबर उस कार्ड में अंकित किया जाएगा और जांच के बाद किसान को दिया जाएगा.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ करमचंद ने बताया कि इस कार्य के अभियान का समयबद्ध तरीके से संचालन करने हेतु कैथल जिले को दो चरणों में बांटते हुएं इस अभियान की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि यह ऐप मिट्टी सैंपलिंग में बहुत अच्छा सहयोग कर रही है.
मृदा सैंपलिंग में पारदर्शिता आएगी और किसानों को उनकी भूमि के स्वास्थ्य की सटीक जानकारी मिल सकेगी. इससे किसानों को पता चल जाएगा कि उनकी जमीन में किन पोषण तत्वों की कमी है और वें किसान भूमि स्वास्थ्य कार्ड में दर्शाई गई मात्रा के अनुसार ही खाद व अन्य पोषक तत्वों का प्रयोग कर सकेंगे. उचित मात्रा में खाद व पोषक तत्वों के प्रयोग से उच्च गुणवत्ता वाली फसल,फल, सब्जियां प्राप्त होगी और आम आदमी के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचेगा.