तीन नए कृषि कानूनों को वापिस लेने के निर्णय का हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बड़ा ह्रदय दिखाते हुए किसानों के हितों को सर्वोपरि माना है और कृषि कानूनों को वापिस लेने का फैसला किया है. सीएम मनोहर लाल ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में थे , खासकर छोटे किसानों को बहुत फायदा होता लेकिन किसान संगठनों के गतिरोध के चलते इन कानूनों को वापिस ले लिया गया है.
MSP कानून बनाने के सवाल का जवाब देते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इसके उपर भी पीएम मोदी ने कहा है कि एक कमेटी गठित की जाएगी जिसमें केन्द्र व राज्य सरकारों के मेंबर्स, कृषि वैज्ञानिक व किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा. कमेटी का जो निर्णय होगा उस पर सार्थक पहल करते हुए इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे.
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सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सभी केसों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और सार्थक पहल करते हुए गतिरोध को समाप्त करने की ओर कदम बढ़ाएंगे. किसानों की लिखित में कृषि कानूनों को रद्द करने की चिठ्ठी देने के मामले पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाने चाहिए क्योंकि उन्होंने जो कहा है वो पूरा करके दिखाया है. 29 नवंबर से लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है वहां इन कानूनों को रद्द करने की जो संवैधानिक प्रणाली है उसके तहत इन कानूनों को रद्द कर दिया जाएगा.
किसानों के हितों पर बोलते हुए कहा कि हमारी सरकार ने हरियाणा में किसानों के उत्थान के लिए बहुत सारे काम किए हैं और अनेक योजनाएं क्रियान्वित की है जिनसे किसानों को लाभ पहुंचेगा. हमारी सरकार पूरे देश में सबसे ज्यादा मुआवजा दे रही है. हमने हर खेत तक पानी पहुंचाने के प्रयास किए हैं और उसमें हम सफल भी हुए हैं.
कृषि कानूनों को वापिस लेने के पीएम मोदी के फैसले पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इस मामले को लेकर पिछले दो महीने से प्रयास चल रहे थे और प्रधानमंत्री चाहते थे कि किसी तरह इस गतिरोध को समाप्त किया जाएं. उन्होंने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए यें फैसला लिया है.