फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर :- 60 बरस की उम्र से पहले ही पेंशन का लाभ लेने का लालच अब भी खत्म नहीं रहा है, जबकि हरेक दस्तावेज अब परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। सरकार की ओर से अब पेंशन पाने के लिए स्कूल दाखिला रजिस्टर की कॉपी और स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट को जरुरी कर दिया है।
फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर :-फर्जी आवेदकों ने इसका भी जुगाड़ निकाल लिया। रोहतक में इस तरह के 6 केस अब तक सामने आए हैं। इनमें बुजुर्गों ने 2500 रुपए महीने की पेंशन पाने के लिए अपनी उम्र पूरी करने के दस्तावेज ही फर्जी बनवा लिए। अब जांच कमेटी ने जब स्कूलों से वेरिफाई करवाने की प्रक्रिया शुरू की तो पता चला कि उक्त व्यक्तियों का स्कूल के असल दाखिला और खारिज रजिस्टर में नाम ही नहीं था।
फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर :-इस फर्जीवाड़े के पकड़े के बाद अन्य आवेदकों के दस्तावेजों की जांच की गई तो इसमें अब तक 6 आवेदन फर्जी मिले हैं। अब समाज कल्याण विभाग ऐसे मामलों को पुलिस को सौंपने की तैयारी कर रहा है। जांच में सामने आया कि गिझी से हरिओम व चतर कौर ने 7वीं का दस्तावेज लगाया है। वहीं, महम में सीसर खास के रमेश ने खरकड़ा स्कूल का एसएलसी लगाया है। इसमें स्कूल से जांच की गई तो स्कूल की स्टाम्प ही नकली मिली है।इसी तरह से पाकस्मा गांव से दर्शना देवी ने छठी कक्षा का प्रमाण पत्र मुड़लाना सोनीपत के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से दर्शाया है। गिझी गांव से मीना ने छठी कक्षा का प्रमाण पत्र मंडौरा मुड़लाना के स्कूल से बनाकर दर्शाया है।
Bank Jobs | Data Entry Jobs |
10th Pass Jobs | 12th Pass Jobs |
Railway Jobs | Clerk Jobs |
PSU Jobs | India Free Job Alert |
फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर :-मामले की जांच करने वाले सहायक जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश मलिक ने बताया कि इन मामलों में जब कमेटी जांच कर रही थी तो इनके एसएलसी में एनरोलमेंट नंबर और दाखिला नंबर ही दर्ज नहीं था, जबकि इसके बिना किसी भी स्टूडेंट की पहचान नहीं होती है। इसकी तह में जाकर जांच की गई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिला समाज कल्याण अधिकारी महावीर प्रसाद गोदारा ने बताया कि आवेदकों ने एसएलसी संबंधित स्कूलों से भी प्रमाणित करवाने के लिए भेजे गए तो जांच में पता चला कि स्कूल के रिकॉर्ड में व्यक्ति का कोई नाम नहीं था।
राइटिंग से पकड़े गए आवेदक, स्कूल में नहीं लिया था दाखिला
फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर :-आवेदकों ने स्कूल के दाखिला रजिस्टर का फर्जी कागज आवेदन में लगाया है और इनकी फोटोकॉपी में तीन आवेदनों पर एक ही राइटिंग दर्ज है। अन्य आवेदकों के नाम भी इसी तरह से एक रजिस्टर के कागज पर दर्ज किए गए हैं, ताकि विभाग को लगे कि दाखिला व खारिज रजिस्टर से ही फोटोकॉपी ली गई है, लेकिन जब इनकी स्कूल से वेरिफिकेशन करवाई गई तो पता चला कि स्कूल के रजिस्टर में उक्त आवेदकों ने कोई दाखिला ही नहीं लिया था तो वहां से स्कूल छोड़ने का मतलब ही नहीं बनता है।