किस से मुलाकात की
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हरियाणा सरकार ने बड़ी सौगातें दी है. वीरवार को हरियाणा सचिवालय में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा से आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य प्रधान कुंज भट्ट की अध्यक्षता में मुलाकात करते हुए अपनी मांगों को रखा. बैठक के दौरान राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक हेमा शर्मा, संयुक्त निदेशक हेमंत कुमार, राजबाला कटारिया एवं पूनम रमन भी मौजूद रहीं. करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में डेढ़ दर्जन मुद्दों पर चर्चा हुई. मंत्री कमलेश ढांडा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि उनके हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा
परीक्षा पास नहीं करनी होगी
आंगनबाड़ी महिला एवं बाल विकास विभाग राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि अब हरियाणा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर बनने के लिए परीक्षा पास नहीं करनी होगी. महिला एवं बाल विकास विभाग अपने सेवा नियमों में बदलाव करते हुए विभागीय पदोन्नति की व्यवस्था लागू करेगा. इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक शीघ्र प्रकिया शुरू की जाएगी.

कितने प्रतिशत
आंगनबाड़ी अब विभाग 50% पद विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भरने के लिए सेवा नियमों में बदलाव करेगा. इससे हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना परीक्षा और सरल तरीके से पदोन्नति के अवसर मिलेंगे. इससे पूर्व आंगनबाड़ी सहायिका से आंगनबाडी कार्यकर्ता के लिए 25 % पदोन्नति की व्यवस्था लागू की जा चुकी है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हर साल में मानदेय सहित एक माह का चिकित्सा अवकाश देने की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए तत्काल विभाग को प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए हैं.
कितनी तारीख तक
आंगनबाड़ी विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय महीने की 7 तारीख तक देना सुनिश्चित किया जाएं. उन्होंने कहा कि पोषण ट्रैकर एप को लेकर कार्यकर्ताओं के सभी संशय को दूर किया जाएगा और उनकी प्रशिक्षण व्यवस्था कर तकनीकी रूप से उन्हें कुशल बनाया जाएगा. इसके लिए कार्यकर्ता को 500 रुपये तथा सहायिका के लिए 250 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे.
मुआवजा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को आयुष्मान योजना के दायरे में लाकर स्वास्थ्य लाभ देने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मृत्यु अथवा सेवानिवृति पर भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से मुआवजा देने, कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाली कार्यकर्ता एवं सहायिका को 20 लाख रुपये की राशि देने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर सहमति बनी.