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बिहार में क्या कन्हैया के भरोसे आगे बढ़ेगी कांग्रेस?

कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ ही गुजरात के दलित कार्यकर्ता और विधायक जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी मुख्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेस में दोनों को पार्टी में शामिल किया। इस कार्यक्रम में पहले राहुल गांधी के भी आने की चर्चा थी। बिहार में अपना जनाधार खो चुकी कांग्रेस के पास राज्य में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में क्या वह कन्हैया कुमार में भविष्य का नेता देख रही है? क्या लेफ्ट से सेंटर आने के बाद कन्हैया वह सब कर सकेंगे, जो वो करना चाहते हैं।

दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रसंघ का नेतृत्व कर सुर्खियों में आए कन्हैया से कांग्रेस को क्या उम्मीदें हैं?वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन कहते हैं कि CPI में किसी के लिए कोई बड़ी संभावना नहीं बची है। ऐसे में कोई युवा नेता अगर राजनीति में करियर बनाना चाहता है तो उसे परेशानी होगी। इसलिए कन्हैया भी अपने लिए नए विकल्प तलाश रहे थे। वो कहते हैं कि CPI भी कन्हैया को बढ़ाने में रुचि नहीं ले रही थी। पिछले चुनाव में जब गठबंधन बढ़िया बन गया था, लेकिन उनकी पार्टी ने उन्हें प्रमोट नहीं किया।

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चुनाव के दौरान कन्हैया ने जो टूर शुरू किया था उसे भी पार्टी लीडरशिप ने रुकवा दिया था।उनके सामने कोई रास्ता ही नहीं था। उनकी अपनी पार्टी CPI फरवरी में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर चुकी है। पार्टी के पटना ऑफिस में कन्हैया ने 1 दिसंबर 2020 को कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ मारपीट की थी। उस समय हैदराबाद में CPI नेशनल काउंसिल की बैठक चल रही थी।

दरअसल, बेगूसराय जिला काउंसिल की बैठक होनी थी। इसके लिए ही कन्हैया अपने समर्थकों के साथ पार्टी दफ्तर पहुंचे थे। किसी कारण से बैठक स्थगित कर दी गई। इसकी सूचना न देने को लेकर कन्हैया नाराज थे। इस पर कन्हैया समर्थकों ने वर्मा के साथ बदसलूकी की। तब हैदराबाद में कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित हुआ था। यहीं से कन्हैया का CPI से मोहभंग हो गया।

पिछले काफी समय से कन्हैया के कांग्रेस जॉइन करने की खबरें चल रही थीं। पिछले हफ्ते CPI महासचिव डी. राजा ने उनसे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अफवाहों को खारिज करने को कहा था। दिल्ली में पार्टी के दफ्तर में केंद्रीय नेता उनका इंतजार कर रहे थे, पर कन्हैया गए नहीं। पार्टी नेताओं के मैसेज और फोन कॉल्स का भी जवाब नहीं दिया।

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